अगर आप संविदा (Contract) पर काम कर रहे हैं और लंबे समय से नौकरी स्थाई (Regular) होने की उम्मीद में हैं, तो आपके लिए बड़ी खुशखबरी है। हाई कोर्ट ने संविदा कर्मचारियों को नियमित करने (Regularization) को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने स्पष्ट कहा है कि योग्य और वर्षों से सेवाएं दे रहे संविदा कर्मचारियों को अब स्थायी पदों पर समायोजित किया जाए। यह आदेश उन लाखों कर्मचारियों के लिए राहत भरी खबर है, जो वर्षों से अस्थायी पदों पर सेवाएं दे रहे थे।
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किस राज्य में आया है यह आदेश और किस पर लागू होगा?
यह फैसला विशेष रूप से उस राज्य पर लागू होता है, जहां पर बड़ी संख्या में संविदा पर शिक्षक, स्वास्थ्यकर्मी, क्लर्क, आंगनबाड़ी, आशा कार्यकर्ता और अन्य विभागीय कर्मचारी वर्षों से काम कर रहे हैं। कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया है कि वह सेवाकाल, योग्यता और कार्य प्रदर्शन के आधार पर नियमितीकरण की प्रक्रिया जल्द शुरू करे। हालांकि कुछ मामलों में यह प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से लागू होगी।
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कोर्ट का क्या तर्क है संविदा कर्मचारियों को लेकर?
हाई कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि जब एक कर्मचारी 10 से 15 वर्षों तक लगातार सेवाएं दे रहा है और विभाग को उसकी आवश्यकता है, तो उसे सिर्फ संविदा पर रखकर उसका शोषण नहीं किया जा सकता। यह कर्मचारियों के अधिकारों का उल्लंघन है और संविधान के समानता के अधिकार का भी हनन है।
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किन विभागों के कर्मचारियों को मिलेगा लाभ?
इस आदेश का असर शिक्षा विभाग, स्वास्थ्य विभाग, नगर निकाय, पंचायत, ग्रामीण विकास, परिवहन और कृषि जैसे विभिन्न विभागों में कार्यरत संविदा कर्मचारियों पर पड़ने वाला है। खासकर वे कर्मचारी जिन्हें 5 साल या उससे अधिक का कार्यकाल हो चुका है, उन्हें प्राथमिकता के आधार पर नियमित किया जाएगा।
क्या सभी संविदा कर्मचारियों को मिलेगा फायदा?
नहीं, यह लाभ केवल उन्हीं कर्मचारियों को मिलेगा जिन्होंने—
- न्यूनतम 5 वर्ष की निरंतर सेवा दी हो
- विभागीय प्रदर्शन संतोषजनक रहा हो
- शैक्षणिक योग्यता और पात्रता मानदंड पूरे किए हों
- सेवा के दौरान कोई अनुशासनात्मक कार्रवाई नहीं हुई हो
ऐसे कर्मचारी एक समिति द्वारा जांच के बाद चयनित किए जाएंगे।
आवश्यक दस्तावेज और प्रक्रिया क्या होगी?
सरकार इस आदेश के अनुपालन में एक पोर्टल या आवेदन प्रणाली शुरू कर सकती है, जिसमें संविदा कर्मचारी अपने दस्तावेज अपलोड कर सकेंगे:
- नियुक्ति पत्र (Contract Appointment Letter)
- सेवा प्रमाण पत्र (Experience Certificate)
- पहचान पत्र (ID Proof – Aadhar Card आदि)
- शैक्षणिक योग्यता प्रमाणपत्र
- चरित्र प्रमाण पत्र
इन दस्तावेजों की जांच के बाद स्थायी नियुक्ति की अधिसूचना जारी की जाएगी।
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डिस्क्लेमर:
यह लेख केवल सूचना के उद्देश्य से है। संविदा कर्मचारियों की नियमितीकरण प्रक्रिया पूरी तरह से राज्य सरकार की नीति, न्यायालय के अंतिम निर्णय और विभागीय दिशा-निर्देशों पर निर्भर करेगी। आधिकारिक पुष्टि के लिए संबंधित विभाग या पोर्टल पर विजिट जरूर करें।