Old Pension Scheme UP 2025 को लेकर एक बड़ी राहत की खबर सामने आई है। उत्तर प्रदेश सरकार ने शिक्षकों और कर्मियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने का निर्देश जारी किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्पष्ट किया है कि जिन शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया वर्ष 2004 के पहले शुरू हुई थी और प्रशिक्षण या नियुक्ति प्रक्रिया में देरी के कारण उन्हें नई पेंशन योजना के तहत रखा गया था, उन्हें अब पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया जाएगा। इसका फायदा राज्य के लगभग 50,000 से अधिक शिक्षकों को मिलने की संभावना है।

UP में किन्हें मिलेगा पुरानी पेंशन योजना का लाभ
उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग के अंतर्गत जिन शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया 14 जनवरी 2004 या 20 फरवरी 2005 से पहले शुरू हुई थी और उन्हें सिर्फ प्रशिक्षण या विभागीय प्रक्रियाओं की वजह से नियुक्ति देर से मिली, वे सभी अब पुरानी पेंशन योजना के पात्र होंगे। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि ऐसे मामलों की फाइलों को तत्काल प्रभाव से निपटाया जाए ताकि योग्य शिक्षकों को न्याय मिल सके।
वर्षों से पुरानी पेंशन योजना की मांग कर रहे शिक्षक संगठनों के लिए यह एक बहुत बड़ी जीत मानी जा रही है। खासकर 2004 बैच के शिक्षकों को अब बड़ी राहत मिल सकती है जो कोर्ट और शासन से लगातार पुरानी पेंशन की बहाली की गुहार लगा रहे थे।
क्यों हो रही थी देरी, अब कैसे मिलेगा लाभ
2004 बैच के कई ऐसे शिक्षक हैं जिनकी नियुक्ति तो नई पेंशन योजना लागू होने से पहले की गई थी लेकिन प्रशिक्षण, नियुक्ति आदेश या विभागीय देरी की वजह से उनकी जॉइनिंग 2005 में हुई। इसी वजह से उन्हें नई पेंशन योजना में शामिल कर दिया गया। अब योगी सरकार ने स्पष्ट किया है कि जिनका प्रशिक्षण या प्रक्रिया 2004 में शुरू हो चुकी थी, उन्हें पुरानी योजना में शामिल किया जाए।
22 जनवरी 2004 की शासनादेश के अनुसार, प्रशिक्षण से पहले कार्यभार ग्रहण करने वाले शिक्षकों को 2500 रुपये प्रतिमाह मानदेय भी दिया गया था, जिससे यह स्पष्ट होता है कि चयन प्रक्रिया पहले शुरू हो चुकी थी।
क्या कहता है पुरानी पेंशन योजना से जुड़ा आदेश
सरकार द्वारा यह कहा गया है कि चयन प्रक्रिया भले ही पूरी न हुई हो, लेकिन यदि शिक्षक का प्रशिक्षण 2004 में शुरू हुआ है और शासकीय आदेश से वे सेवामें आए हैं तो उन्हें नई योजना में नहीं डाला जाएगा। साथ ही यह भी तय किया गया है कि ऐसे मामलों को कोर्ट में जाने से पहले शासन स्तर पर ही निपटाया जाए ताकि समय और संसाधन दोनों की बचत हो।
शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में मुख्यमंत्री ने अफसरों से कहा कि कोई भी पात्र शिक्षक पुरानी पेंशन से वंचित न हो। यह आदेश बेसिक शिक्षा विभाग के माध्यम से सभी जिलों को भेजा जा चुका है और अधिकारियों को जल्द निस्तारण के निर्देश दिए गए हैं।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से है। कृपया आधिकारिक शासनादेश या शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर जाकर ही पूरी जानकारी प्राप्त करें और उसी के अनुसार आगे की प्रक्रिया अपनाएं।